वोटरपार्क मे कभी न जाए
#waterpark #वोटरपार्क मे स्नान आदि क्रीडांगण न करे यह अशास्त्रोक्त है मनुष्यो के द्वारा निर्मित वोटरपार्क आदि कूपो के दूषित जल मे कभी भी आनंद प्रमाद के लिए स्नान न करना परकीयनिपानेषु न स्न्नायाच्च कदाचन। निपानकर्तुः स्नात्वा तु दुष्कृतांशेन लिप्यते ॥ यानशय्यासनान्यस्य कूपोद्यानगृहाणि च। अदत्तान्युपभुञ्जान एनसः स्यात्तुरीयभाक् ॥ नदीषु देवखातेषु तडागेषु सरःसु । स्नानं समाचरेन्नित्यं गर्तप्रस्रवणेषु च ॥ गृहस्य ब्राह्मणको उचित है कि अन्यके बनायेहुए जलाशयमें (ओ केवल अपनेही लिये बनाया हो, उसमें) स्नान नहीं करे क्योंकि उसमें स्नान करनेसे उसके बनानेवालेके पापोंके अंशका भागी होना पड़ताहै ॥ अन्यकी सवारी, शय्या, आसन, कूप, बाग अथवा गृहको विना उनके स्वामीके अनुमति दिये हुए उपभोग नहीं करे; क्योंकि उपभोग करनेसे उनके स्वामीके पापोंके चौथे अंशका भागी होगा ॥ तीर्थाभाव तु कर्तव्यमुष्णोदकपरोदकैः ॥ स्नानं तु वह्नितप्तेन तथैव परवारिणा ॥ शरीरशुद्धिर्विज्ञाता न तु स्नानफलं भवेत् ॥ अद्भिर्गात्राणि शुद्धचंति तीर्थस्नानात्फलं भवेत् ॥ तीर्थके अभाव में गरम जलसे और पूर्वोक्त नदी आदिसे भी भिन्न २ जलसे स्नान